बीपी कम होने के लक्षण, कारण और उपाय

बीपी कम होने के लक्षण

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बीपी कम होने या निम्न रक्तचाप को डॉक्टरी भाषा में हाइपोटेंशन (Hypotension) कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति का रक्तचाप 90 व 60 एमएम एचजी से कम है तो उसे लो बीपी का मरीज कहा जाता है। 

लो बीपी के कई कारण हो सकते हैं जैसे शरीर में पानी की कमी, दवाई के साइड इफ़ेक्ट, प्रेग्नेंसी, सर्जरी या कोई गंभीर चोट, जेनेटिक, स्ट्रेस आदि।

निम्न रक्तचाप के प्रकार (Types of Hypotension) Ref

एब्सोल्यूट हाइपोटेंशन : जब किसी व्यक्ति का आराम करने के दौरान रक्तचाप 90/60 एमएम एचजी से कम होता है। तो इसे एब्सोल्यूट हाइपोटेंशन कहा जाता है। 

ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन : कुछ देर बैठने की स्थिति में रहने के बाद एकाएक उठने पर अगर रक्तचाप तीन मिनट से ज़्यादा समय तक कम रहता है। तो इसका मतलब होता है कि मरीज ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन का शिकार है। 

रक्तचाप मापने में दो चीजों को शामिल किया जाता है 

  1. सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या): यह आपके दिल की धड़कन पर दबाव का माप होता है।
  2. डायस्टोलिक (नीचे की संख्या): यह दो धड़कनों (दो हार्ट बीट्स) के बीच के दबाव का माप होता है।

निम्न रक्तचाप कितना आम है?

निम्न रक्तचाप बिना किसी लक्षण के होता है, इसलिए यह जानना असंभव है कि यह कितने लोगों को प्रभावित करता है। हालाँकि, उम्र बढ़ने के साथ ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन अधिक आम होता जाता है। ऐसा अनुमान है कि 50 वर्ष की आयु में 5% लोगों को यह होता है, जबकि 70 से अधिक उम्र के लोगों में यह आँकड़ा 30% से अधिक हो जाता है।

लो बीपी के लक्षण (Symptoms of Low BP) Ref

निम्न रक्तचाप वाले कई लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं –

  • सिर चकराना
  • चक्कर आना
  • बेहोशी
  • सीने में दर्द
  • ठंडी, पीली, सूखी या चिपचिपी त्वचा
  • बुखार
  • सिरदर्द और गर्दन में अकड़न
  • दृष्टि में बदलाव
  • दस्त और उल्टी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • थकान और कमज़ोरी
  • प्यास और निर्जलीकरण
  • हृदय के धड़कने में बदलाव

लो ब्लड प्रेशर के कारण (Causes of Low Blood Pressure)

हाइपोटेंशन कई कारणों से हो सकता है। निम्न रक्तचाप के कारणों में निम्नलिखित कारण शामिल हैं:

ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन: यह तब होता है जब आप बहुत जल्दी खड़े हो जाते हैं और आपका शरीर आपके मस्तिष्क में अधिक रक्त प्रवाह के साथ तालमेल नहीं बैठा पाता है।

केंद्रीय तंत्रिका तंत्र रोग: पार्किंसंस रोग जैसी स्थितियाँ आपके तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को और आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने के तरीके को प्रभावित कर सकती हैं। इन स्थितियों वाले लोग खाने के बाद निम्न रक्तचाप के प्रभावों को महसूस कर सकते हैं क्योंकि उनके पाचन तंत्र भोजन को पचाने के लिए अधिक रक्त का उपयोग करते हैं।

रक्त की कमी : गंभीर चोटों से रक्त की कमी निम्न रक्तचाप का कारण बन सकती है। निर्जलीकरण भी निम्न रक्त मात्रा में योगदान दे सकता है।

इम्युनिटी : एनाफिलेक्सिस या गंभीर संक्रमण (सेप्सिस) के प्रति इम्युनिटी रिएक्शन भी हाइपोटेंशन का कारण बन सकती है।

हृदय और फेफड़े की स्थितियाँ: जब आपका दिल बहुत तेज़ी से धड़कता है तो आपको हाइपोटेंशन हो सकता है

दवाएँ: उच्च रक्तचाप, हृदय विफलता, तंत्रिका संबंधी समस्याओं, अवसाद और कुछ दवाओं से हाइपोटेंशन हो सकता है। 

शराब व सप्लीमेंट : शराब आपके रक्तचाप को कम कर सकता है। कुछ हर्बल सप्लीमेंट, विटामिन या घरेलू उपचार भी आपके रक्तचाप को कम कर सकते हैं। 

गर्भावस्था: गर्भावस्था के पहले और दूसरे तिमाही में ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन संभव है। रक्तस्राव या गर्भावस्था की अन्य जटिलताएँ भी निम्न रक्तचाप का कारण बन सकती हैं। 

अत्यधिक तापमान: बहुत अधिक गर्म या बहुत ठंडा होना हाइपोटेंशन को प्रभावित कर सकता है और इसके प्रभावों को बदतर बना सकता है।

निम्न रक्तचाप का निदान कैसे किया जाता है?

हाइपोटेंशन का निदान करना आसान है। आपको बस अपना रक्तचाप मापना है। लेकिन यह पता लगाना कि आपको हाइपोटेंशन क्यों है, यह बिल्कुल अलग विषय है।

यदि आपमें लो बीपी के लक्षण हैं, तो डॉक्टर इसके कारण को जानने के लिए कुछ टेस्ट करवा सकते हैं।  

इन टेस्टों से पता चल सकता है लो बीपी का कारण

  1. लैब टेस्ट : आपके रक्त और पेशाब (मूत्र) के परीक्षण से लो बीपी के संभावित कारण का पता लग सकता है। इस संभावित कारणों में शामिल हैं – 
  • मधुमेह
  • विटामिन की कमी
  • थायरॉयड या हार्मोन संबंधी समस्याएँ
  • आयरन का स्तर कम होना
  • गर्भावस्था
  1. इमेजिंग

यदि डॉक्टर को यह संदेह है कि आपके हाइपोटेंशन के पीछे हृदय या फेफड़ों की समस्या है, तो वे संभवतः इमेजिंग परीक्षणों का उपयोग करेंगे। इन परीक्षणों में शामिल हैं – 

  • एक्स-रे
  • कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन
  • एमआरआई
  • इकोकार्डियोग्राम या इसी तरह के
  • अल्ट्रासाउंड-आधारित परीक्षण।

लो बीपी का प्रबंधन और उपचार Ref

निम्न रक्तचाप के कारणों का पता चलने पर अगर उसका इलाज शुरू किया जाए तो हाइपोटेंशन आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता। उदाहरण के लिए हाइपोटेंशन किसी चोट और खून की कमी के कारण हुआ हो तो उस चोट के इलाज और खून की कमी दूर होते ही लो बीपी ठीक हो जाएगा। 

दवाओं का इस्तेमाल : यदि आप कोई ऐसी दवाएँ लेते हैं जो आपके रक्तचाप को प्रभावित करती हैं, तो डॉक्टर आपकी खुराक बदल सकते हैं या आपको वह दवा पूरी तरह से लेना बंद करने के लिए कह सकते हैं।

फूडिंग हैबिट : अपने आहार में डॉक्टर की सलाह से बदलाव कर और नमक का सेवन बढ़ाने से अक्सर लो बीपी नियंत्रित हो जाता है।

उपचार के दुष्प्रभाव

उपचार की जटिलताएँ आपके द्वारा ली जाने वाली सटीक दवा या उपचार पर निर्भर करती हैं। आपका डॉक्टर आपको संभावित जटिलताओं या दुष्प्रभावों के बारे में सबसे अच्छी तरह से बता सकता है। 

क्या निम्न रक्तचाप गंभीर होता है? Ref

स्वस्थ लोगों में बिना किसी लक्षण के निम्न रक्तचाप आमतौर पर चिंता का विषय नहीं होता है और इसके लिए उपचार की भी आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन निम्न रक्तचाप किसी इंटरनल समस्या का संकेत हो सकता है – विशेष रूप से वृद्ध लोगों में हृदय, मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है।

निष्कर्ष 

निम्न रक्तचाप या लो बीपी की समस्या आम तौर पर काफी लोगों में देखने को मिलती है। इसके हल्के लक्षण कभी-कभी नजरअंदाज भी हो जाते हैं लेकिन यदि लक्षण बढ़ने लगे तो इसके कारणों का पता लागकर इलाज करवाना जरूरी होता है। समय पर इलाज होने से लो बीपी को नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी को सामान्य समझ कर इलाज में देरी करना जीवन के लिए खतरनाक भी हो सकता है। लो बीपी के लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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