हमारे शरीर में लगभग 60% पानी की मात्रा मौजूद होती है। (Ref) शरीर में कोशिकाओं व रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में पानी मौजूद होता है। आसान भाषा में कहें तो पानी के बिना हमारा शरीर जीवित नहीं रह सकता है। प्यास लगना शरीर की ओर से पानी की कमी का एक संदेश होता है और सही जल प्रबंधन इस जरूरत को सही समय पर पूरा करता है।
सांस लेने, पसीना बहाने, पेशाब करने और शौच के माध्यम से हमारे शरीर में लगातार पानी की कमी होती रहती है। ऐसे में अगर समय पर इस कमी की पूर्ति नहीं की गई तो हम निर्जलीकरण यानी डिहाईड्रेशन (Dehydration) की चपेट में आ सकते हैं।
एक शोध के मुताबिक निर्जलीकरण 20% से 30% वृद्ध वयस्कों को प्रभावित करता है। युवा वयस्कों की तुलना में इस आबादी में डिहाईड्रेशन अधिक नकारात्मक परिणाम होता है और अगर समय पर कदम न उठाया जाये तो यह विकलांगता या मौत का कारण बन सकता है। (Ref)
आमतौर पर तरल पदार्थ के सेवन को बढ़ाकर हम निर्जलीकरण से निजात पा सकते हैं लेकिन इसके गंभीर रूप से निपटने के लिए डॉक्टर की जरूरत पड़ सकती है।
इस आर्टिकल में हम निर्जलीकरण के सभी पहलुओं पर जानकारी प्रदान कर रहे हैं, ताकि आप इस तकलीफ की चपेट में आने से खुद को बचा सकें।
सबसे पहले हम ये जान लेते हैं कि कोई व्यक्ति डिहाईड्रेशन का शिकार हुआ है या नहीं, उसे पहचानना कैसे है?
निर्जलीकरण के लक्षण (Symptoms of Dehydration) (Ref)
अलग-अलग वातावरण के अनुसार निर्जलीकरण के लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। इसके सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं –
- थकान
- मुँह सूखना
- प्यास बढ़ जाना
- पेशाब कम आना
- सूखी आँखें
- सूखी त्वचा
- कब्ज
- चक्कर आना
- सिर चकराना
- सिर दर्द
अगर कोई व्यक्ति गंभीर निर्जलीकरण की चपेट में है तो उसमें नीचे दिए गए लक्षण देखे जा सकते हैं –
- अत्यधिक प्यास
- पसीना कम आना
- निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure)
- तेज़ हृदय गति
- तेज़ साँस लेना
- धँसी हुई आँखें
- सूखी त्वचा
गंभीर निर्जलीकरण को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, इसके लिए तत्काल डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। निर्जलीकरण किसी को किसी भी वक्त हो सकता है, इसलिए जरूरी है कि इसके कारणों को सही से पहचान लिया जाए।
निर्जलीकरण के कारण (Causes of Dehydration)
निर्जलीकरण सामान्य कारणों से भी हो सकता है। यदि आप लगातार काम करते हैं और व्यस्तता या किसी अन्य वजह से पानी नहीं पी पाते हैं तो भी आप इस परेशानी की चपेट में आ सकते हैं।
निर्जलीकरण के अन्य कारणों में शामिल हैं – (Ref)
दस्त या उल्टी : अगर आपको ज्यादा दस्त या उल्टी हो रही हो तो इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
बुखार : बुखार होने पर शरीर में पानी की मात्रा प्रभावित होती है। ऐसे में पानी नहीं पीने या कम पीने से व्यक्ति निर्जलीकरण की चपेट में आ सकता है।
अत्यधिक पसीना आना : पसीना आने पर भी शरीर पानी खोता रहता है। खेलकूद या कोई ज्यादा मेहनत वाला काम करते समय तरल पदार्थ की आपूर्ति न करना भी पानी की कमी का कारण बन सकता है।
ज्यादा पेशाब आना : अनियंत्रित डायबिटीज (Diabetes), किसी दवाई या किसी अन्य कारण से ज्यादा पेशाब होना भी निर्जलीकरण के करणों में शामिल है।
निर्जलीकरण से हो सकती हैं गंभीर परेशानियां (Complications of Dehydration)
यदि निर्जलीकरण गंभीर हो जाता है, तो इससे गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
खून की मात्रा में कमी: कम रक्त से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) में गिरावट आती है और ऊतकों तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आती है। यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
दौरे पड़ना : इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन के कारण व्यक्ति को दौरे पड़ सकते हैं।
किडनी की समस्याएं: निर्जलीकरण के कारण गुर्दे की पथरी, मूत्र पथ में संक्रमण और यहाँ तक कि किडनी फेलियर की समस्या भी हो सकती है। (Ref)
क्या है निर्जलीकरण का इलाज?
डिहाईड्रेशन का एक ही उपचार है और वो है शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित बनाना। हालांकि, इसका मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप किसी भी तरह के ड्रिंक का सेवन करें। पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स, स्पोर्टस ड्रिंक्स या फलों के जूस का सेवन करना बेहतर होता है। वहीं शराब, कॉफी या अन्य कैफीनेटेड युक्त ड्रिंक्स से परहेज करना जरूरी होता है।
अगर स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ जाये तब मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ सकती है, जहाँ उसे पानी चढ़ाया जाता है।
निर्जलीकरण में लें ये ड्रिंक्स
अगर शरीर में पानी की कमी हो, तो नीचे बतायी गयी ड्रिंक्स आपके काम आ सकती हैं-
- नारियल पानी
- दूध
- ओआरएस
- फलों का जूस
- सब्जियों का जूस
- ग्रीन टी
निष्कर्ष
निर्जलीकरण से राहत पाना आसान है लेकिन इस मामले में लापरवाही जान का खतरा भी पैदा कर सकती है। वो कहते हैं ना जल ही जीवन है। इस बात को गंभीरता से लेते हुए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ का सेवन करना जरूरी है।