जानें प्रेग्नेंसी के 12 शुरुआती लक्षण
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण व पीरियड के पहले के लक्षण अक्सर एक जैसे होते हैं। ऐसे में महिलाओं के लिए यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि वे प्रेग्नेंट हैं या नहीं। वहीं कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंट होने पर शुरुआती लक्षण महसूस नहीं होते हैं।
ऐसे में यह आर्टिकल आपके लिए बेहद काम का हो सकता है। जानते हैं गर्भावस्था के 12 शुरुआती लक्षणों के बारे में।
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण (Early signs of Pregnancy) Ref
- पीरियड का रुकना : पीरियड बंद होना गर्भावस्था का सबसे सामान्य और पहला संकेत है। यदि आपका पीरियड समय पर नहीं आता है, तो यह गर्भावस्था का संकेत हो सकता है। हालांकि मानसिक तनाव, हार्मोनल असंतुलन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी यह हो सकता है।
- थकान महसूस होना: शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बढ़ते स्तर के कारण गर्भवती महिलाओं को अक्सर थकावट और कमजोरी महसूस होती है।
- मतली और उल्टी : गर्भावस्था के शुरुआती चरण में महिलाओं को प्रायः सुबह के समय मॉर्निंग सिकनेस यानी उल्टी और मतली की शिकायत होती है। यह लक्षण दिनभर भी बना रह सकता है और आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तीन महीनों तक जारी रहता है।
- स्तनों में बदलाव: शरीर में हार्मोनल परिवर्तनों की वजह से स्तनों में सूजन, कोमलता और संवेदनशीलता बढ़ जाती है। निप्पल का रंग गहरा हो सकता है और यह बदलाव शुरुआती संकेतों में शामिल है।
- बार-बार पेशाब आना: शरीर में बढ़ते हार्मोन और बढ़े हुए रक्त प्रवाह के कारण किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है।
- विशेष खाद्य पदार्थ : प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों के लिए इच्छा उत्पन्न हो सकती है या किसी भोजन के प्रति अरुचि विकसित हो सकती है।
- मूड में बदलाव : हार्मोनल असंतुलन के चलते गर्भवती महिला के भावनात्मक स्तर में उतार-चढ़ाव आ सकता है। उनमें अचानक गुस्सा, खुशी, या उदासी दिखाई पड़ना बेहद आम है।
- हल्का रक्तस्राव या स्पॉटिंग: जब भ्रूण गर्भाशय की दीवार से जुड़ता है, तो हल्का रक्तस्राव या स्पॉटिंग हो सकती है, जिसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है।
- कब्ज और गैस की समस्या: प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिससे कब्ज या गैस की समस्या हो सकती है।
- सिरदर्द और चक्कर आना: ब्लड प्रेशर में गिरावट और शरीर में रक्त प्रवाह के बदलाव से सिरदर्द और चक्कर महसूस हो सकते हैं।
- शरीर के तापमान में वृद्धि: गर्भधारण होने पर शरीर का तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक हो सकता है।
- गंध के प्रति अधिक संवेदनशीलता: गर्भावस्था के दौरान गंध की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। कई महिलाओं को कुछ गंध पसंद नहीं आती, जबकि कुछ महिलाओं को गंध अधिक आकर्षक लग सकती हैं।
कब नजर आते हैं गर्भावस्था के लक्षण? Ref
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोग गर्भधारण के कुछ दिनों के भीतर ही लक्षण महसूस करने लगते हैं। जबकि कुछ लोगों को गर्भावस्था परीक्षण के सकारात्मक आने के बाद कई हफ़्तों तक गर्भवती होने का अहसास नहीं होता है।
कई बार पीरियड मिस होने के पहले भी महिलाएं प्रेग्नेंसी महसूस कर सकती हैं। कई महिलाओं ने गर्भधारण के एक हफ़्ते के अंदर यानी मासिक धर्म से लगभग एक हफ़्ते पहले ही गर्भावस्था के लक्षण महसूस करते हैं।
अब जानते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों के कारण क्या होते हैं?
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों के कारण (Causes of Early signs of Pregnancy)
- हार्मोनल बदलाव:
गर्भधारण के दौरान एचसीजी, प्रोजेस्टेरोन, और एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर में तेजी से वृद्धि करती है। इसकी वजह से ही गर्भावस्था के कई लक्षण नजर आते हैं - शारीरिक परिवर्तन:
शरीर में भ्रूण के विकास के लिए रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे थकावट और अन्य शुरुआती लक्षण महसूस होते हैं। - मानसिक बदलाव:
गर्भधारण को लेकर महिलाओं में भावनात्मक बदलाव हो सकते हैं, जिससे मूड स्विंग्स और मानसिक थकान हो सकती है।
निदान (Diagnosis) Ref
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण सामान्य होते हैं। हालांकि ये लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी उत्पन्न हो सकते हैं। ऐसे में शुरुआती लक्षण नजर आने पर कुछ टेस्ट के जरिए इस बात की पुष्टि की जा सकती है।
इसके लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं –
होम प्रेग्नेंसी किट:
यूरिन में एचसीजी हार्मोन की उपस्थिति का पता लगाने वाली प्रेग्नेंसी किट गर्भावस्था की पुष्टि करने का एक आसान तरीका है।
रक्त और मूत्र परीक्षण:
गर्भावस्था की पुष्टि के लिए रक्त और मूत्र का टेस्ट किया जा सकता है। इस टेस्ट के माध्यम से ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) हार्मोन की उपस्थिति की जांच की जाती है। इस टेस्ट का रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अल्ट्रासाउंड:
गर्भावस्था के कुछ हफ्तों के बाद अल्ट्रासाउंड के माध्यम से भ्रूण की स्थिति और गर्भधारण की पुष्टि की जा सकती है।
अगर कोई महिला पीरियड रुकने के एक सप्ताह के अंदर प्रेगनेंसी टेस्ट करती है, तो कई बार गर्भवती होते हुए भी रिपोर्ट नेगेटिव आ सकता है।
अगर टेस्ट परिणाम नेगेटिव आने के बाद भी गर्भावस्था के लक्षण नजर आते हैं तो पीरियड रुकने के एक सप्ताह बाद फिर से टेस्ट करवाना चाहिए।
रक्त परीक्षण, मूत्र परीक्षण की तुलना में कुछ दिन पहले सकारात्मक परिणाम दिखा सकता है।
गर्भधारण के शुरुआती लक्षणों से निपटने के उपाय
1. संतुलित आहार लें:
- अपने भोजन में प्रोटीन, फाइबर, और पोषक तत्वों को शामिल करें।
- मसालेदार और अधिक तैलीय भोजन से बचें।
- हाइड्रेटेड रहें और भरपूर पानी पिएं।
2. पर्याप्त नींद लें और आराम करें:
- दिनभर की थकावट को दूर करने के लिए आराम करें।
- रात में कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
3. हल्का व्यायाम करें:
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार हल्के व्यायाम या योग का अभ्यास करें।
- यह शरीर को सक्रिय रखने और तनाव कम करने में मदद करता है।
4. तनाव कम करें:
- मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की प्रक्रिया को अपनाएं।
- परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
5. डॉक्टर की सलाह लें:
- नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
- चिकित्सक द्वारा सुझाए गए सप्लीमेंट्स (जैसे फोलिक एसिड, आयरन) का सेवन करें।
डॉक्टर से संपर्क कब करें?
यदि आपको निम्नलिखित स्थितियों का अनुभव हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- अत्यधिक रक्तस्राव या पेट में तेज दर्द।
- बार-बार उल्टी और पानी की कमी।
- सिरदर्द, धुंधली दृष्टि या बेहोशी।
- असामान्य थकावट।
निष्कर्ष
गर्भधारण के शुरुआती संकेतों को समझना महिलाओं के लिए बेहद आवश्यक है। यह उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होने में मदद करता है। सही आहार, पर्याप्त आराम, और चिकित्सीय परामर्श के माध्यम से गर्भावस्था को सुरक्षित और सुखद बनाया जा सकता है। इस दौरान आत्म-देखभाल और सकारात्मक दृष्टिकोण सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं।