पैप स्मीयर टेस्ट क्यों जरूरी है और इसे कैसे करें?

pap-test-cervical-screening पैप स्मीयर टेस्ट Pap Smear Test

Table of Contents

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2022 में इस कैंसर के साढ़े 6 लाख से ज्यादा मामले सामने आये थे और तकरीबन साढ़े 3 लाख महिलाओं की जान चली गयी थी। (Ref) चिंता की बात तो यह है कि सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले लास्ट स्टेज में पता चलते हैं क्योंकि महिलाओं को यह ही नहीं पता कि इसके लिए कौन सा टेस्ट कराना चाहिये।

अगर आप भी इसका जवाब नहीं जानती हैं तो यह आर्टिकल आपकी मदद करेगा। दरअसल, सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने का सबसे सही तरीका है पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test)। यह एक स्क्रीनिंग टूल है जो डॉक्टरों को गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में असामान्य कोशिकाओं और कैंसर का पता लगाने में मदद करता है। यह टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का नमूना लेकर किया जाता है।

पैप स्मीयर टेस्ट के माध्यम से समय से पहले असामान्य कोशिकाओं का पता चल जाता है, जिससे कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

पैप स्मीयर टेस्ट का महत्व (Importance of Pap Smear Test) (Ref)

1. गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का निदान : पैप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की पहचान में सहायक है। यह टेस्ट असामान्य या प्री-कैंसरस कोशिकाओं को पहचानता है, जिससे शुरुआती चरणों में ही कैंसर का उपचार शुरू किया जा सकता है और व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है।

2. असामान्य कोशिकाओं की पहचान: पैप स्मीयर टेस्ट द्वारा असामान्य कोशिकाओं या संक्रमण, जैसे ह्यूमन पापिलोमावायरस (HPV) की पहचान की जा सकती है, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बन सकती है।

3. समय से पहले उपचार: पैप स्मीयर द्वारा कैंसर या अन्य समस्याओं के शुरुआती संकेत मिलने पर, मरीज को समय रहते उपचार मिल सकता है। इससे कैंसर (Cancer) के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

पैप स्मीयर टेस्ट करवाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान – 

  • टेस्ट करवाने से दो दिन पहले तक योनि सेक्स न करें।
  • टेस्ट करवाने के कम से कम दो दिन पहले टैम्पोन, योनि क्रीम या दवाइयाँ, बर्थ कंट्रोल फोम या जेली, लुब्रिकेंट आदि का इस्तेमाल न करें।
  • अपने पीरियड खत्म होने के बाद अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें। 

क्या पीरियड्स (Periods) होने पर पैप टेस्ट करवाना चाहिए?

पीरियड्स के दौरान पैप टेस्ट करवाने से बचना सबसे अच्छा है क्योंकि इससे नतीजे बदल सकते हैं। इसे लेकर अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 

पैप स्मीयर टेस्ट कैसे किया जाता है? (Ref)

1. तैयारी: टेस्ट से पहले महिला को आरामदायक स्थिति में आना होता है। इससे आमतौर पर महिला के पेल्विक एरिया में कोई दर्द नहीं होता है, लेकिन थोड़ी असुविधा हो सकती है। इसे आमतौर पर महिला के मासिक धर्म के दौरान नहीं किया जाता, क्योंकि उस समय टेस्ट का परिणाम सही नहीं आ पाता है।

2. प्रक्रिया: महिला को गाइनोकॉलजिकल कुर्सी पर लिटाया जाता है। डॉक्टर एक विशेष उपकरण, जिसे ‘स्पेकुलम’ कहा जाता है, उसका उपयोग करते हुए गर्भाशय ग्रीवा को देखने के लिए उसे हल्के से खोलते हैं। इसके बाद, एक छोटे ब्रश या स्पैचुला की मदद से गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का नमूना लिया जाता है। यह प्रक्रिया 2-5 मिनट में पूरी हो जाती है और आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती।

3. नमूना परीक्षण: कोशिकाओं का नमूना लैब में भेजा जाता है, जहां इसे माइक्रोस्कोप से देखा जाता है। यदि कोशिकाएँ असामान्य होती हैं, तो डॉक्टर आपको आगे की सलाह दे सकते हैं।

पैप स्मीयर टेस्ट के परिणाम: (Ref)

1. सामान्य परिणाम: यदि पैप स्मीयर सामान्य आता है, तो इसका मतलब है कि गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाएँ नहीं पाई गईं हैं और महिला का स्वास्थ्य ठीक है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि भविष्य में कोई समस्या नहीं हो सकती।

2. असामान्य परिणाम: यदि टेस्ट में असामान्य कोशिकाएँ पाई जाती हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि महिला को कैंसर है। बल्कि यह संकेत हो सकता है कि कोशिकाएँ असामान्य हैं और उन्हें और अधिक जांच या उपचार की आवश्यकता हो सकती है। असामान्य परिणामों में संक्रमण, सूजन, या एचपीवी संक्रमण जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

3. अस्पष्ट परिणाम : कभी-कभी टेस्ट के परिणाम अस्पष्ट होते हैं। इसके लिए और अन्य टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ सकती है।

कब करवाना चाहिए पैप स्मीयर टेस्ट? (Ref)

21 से 30 वर्ष की आयु के बीच हर महिला को हर तीन साल में कम से कम एक बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। 30 से 65 वर्ष की आयु के बीच हर पाँच साल में एक बार यह टेस्ट करवाना जरूरी है। 

पैप स्मीयर को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को रोकने के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड मानते हैं क्योंकि यह गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों का पता कैंसर में बदलने से पहले ही लगा लेता है।

निष्कर्ष:

पैप स्मीयर टेस्ट महिलाओं के स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जांच है, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर और अन्य संभावित समस्याओं का समय से पता लगाने में मदद करता है। यह एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जिससे कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है और जीवन की रक्षा की जा सकती है।

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Related Post