स्तनपान से जुड़ी समस्याओं का समाधान कैसे करते हैं लैक्टेशन कंसल्टेंट?

लैक्टेशन कंसल्टेंट

लैक्टेशन कंसल्टेंट [ref] (Lactation Consultant) स्वास्थ्य सेवा के विशेषज्ञ होते हैं, जो स्तनपान (छाती से दूध पिलाना) से जुड़ी जटिलताओं में मां और शिशु की सहायता करते हैं। ये विशेषज्ञ नई माताओं को स्तनपान के सही तरीकों को समझाने, समस्याओं का समाधान देने और इसके फायदों को अपनाने में मदद करते हैं। मां का दूध शिशु के समग्र विकास (Overall growth) और स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक जरूरी है, और लैक्टेशन कंसल्टेंट इस प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

लैक्टेशन कंसल्टेंट प्रमाणित (Certified) पेशेवर होते हैं, जिन्हें स्तनपान से संबंधित सभी पहलुओं पर विशेषज्ञता प्राप्त होती है। इनका काम मां और शिशु के बीच स्तनपान प्रक्रिया को सहज बनाना, संभावित चुनौतियों का समाधान करना और माता-पिता को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना होता है।

लैक्टेशन कंसल्टेंट का कार्य [ref]

1. स्तनपान से जुड़ी समस्याओं का समाधान : लैक्टेशन कंसल्टेंट उन सभी समस्याओं का हल प्रदान करते हैं, जो स्तनपान के दौरान मां और शिशु को हो सकती हैं, जैसे –

  • स्तन में दर्द या सूजन
  • शिशु द्वारा सही तरीके से दूध न पीना
  • दूध की कमी या अत्यधिक उत्पादन
  • स्तन में गांठ या संक्रमण (मास्टाइटिस)

2. सही तरीका सिखाना : स्तनपान में सही तरीका का ज्ञान होना आवश्यक है। लैक्टेशन कंसल्टेंट निम्नलिखित पर मार्गदर्शन करते हैं –

  • शिशु को सही तरीके से गोद में पकड़ना
  • सही तरीके से शिशु के मुंह में स्तन लगाना (latch)
  • दूध पिलाने की सही स्थिति और समय

3. दूध उत्पादन बढ़ाना : कई माताओं को पर्याप्त दूध न बनने की समस्या होती है। लैक्टेशन कंसल्टेंट उन्हें उचित आहार, हाइड्रेशन और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीकों (जैसे स्तनपंप का उपयोग) का सुझाव देते हैं।

4. मां और शिशु के लिए भावनात्मक समर्थन : मां बनने का सफर शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से चुनौतीपूर्ण होता है। लैक्टेशन कंसल्टेंट मां और उनके परिवार को भावनात्मक सहयोग प्रदान करते हैं, जिससे वे आत्मविश्वास से स्तनपान की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें।

5. विशेष परिस्थितियों में सहायता : लैक्टेशन कंसल्टेंट उन मामलों में भी मदद करते हैं, जहां स्तनपान अधिक चुनौतीपूर्ण होता है, जैसे –

  • प्रीमैच्योर (समय से पहले जन्मे) शिशु
  • जुड़वां या अधिक बच्चों का जन्म
  • शिशु में कोई जन्मजात समस्या या शारीरिक कठिनाई

लैक्टेशन कंसल्टेंट से कब संपर्क करें? (When to consult a Lactation Consultant)

  • जब स्तनपान शुरू करने में कठिनाई हो
  • दूध की कमी या अत्यधिक उत्पादन हो
  • शिशु का वजन अपेक्षा से कम हो
  • स्तनपान के दौरान लगातार दर्द महसूस हो
  • यदि मां या शिशु को कोई चिकित्सा समस्या हो।

लैक्टेशन कंसल्टेंट क्यों आवश्यक हैं?

1. शिशु के लिए लाभ : मां का दूध शिशु को आवश्यक पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। यह शिशु के मस्तिष्क और शारीरिक विकास को बढ़ावा देता है। शिशु को संक्रमण और बीमारियों से बचाता है। लैक्टेशन कंसल्टेंट शिशु के लिए माँ का दूध पीना सुनिश्चित करवा कर उपरोक्त बातों को लागू करवाने में मदद करते हैं। 

2. मां के लिए लाभ : स्तनपान करने से मां का वजन जल्दी कम होता है। यह स्तन और गर्भाशय के कैंसर का खतरा कम करता है। मां और शिशु के बीच का भावनात्मक संबंध मजबूत बनाता है।

3. समाज और परिवार के लिए लाभ : स्तनपान शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद करता है। यह परिवार को कृत्रिम दूध पर होने वाले खर्च से बचाता है।

लैक्टेशन कंसल्टेंट बनने की प्रक्रिया (Process to Become a Lactation Consultant) [ref]

एसोसिएशन ऑफ लैक्टेशन प्रॉफेशनल्स इंडिया (ALPI) के अनुसार लैक्टेशन कंसल्टेंट बनने के लिए स्वास्थ्य सेवा (जैसे नर्सिंग) में अनुभव होना चाहिए। इसके बाद स्तनपान, शिशु पोषण और मां-शिशु स्वास्थ्य से संबंधित गहन प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

इसके बाद होती है लैक्टेशन कंसल्टेंट बनने के लिए प्रमाणित होने की प्रक्रिया, जिसके लिए निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा मान्यता प्रदान किया जाता है – 

  • IBCLC (International Board Certified Lactation Consultant): यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणन है।
  • CLC (Certified Lactation Counselor): शुरुआती स्तर का प्रमाणन।
  • ANLC (Advanced Nurse Lactation Consultant): नर्सिंग पेशेवरों के लिए उन्नत प्रमाणन।

कब होती है लैक्टेशन कंसल्टेंट की जरूरत? [ref]

अगर आपको अपने नवजात शिशु को ब्रेस्फीडिंग करवाने में दिक्कत हो रही है तो आपको इसके लिए कंसल्टेंट की जरूरत है। यह जरूरी नहीं है कि पहले ही आप किसी संस्था से लैक्टेशन कंसल्टेंट को सलाह के लिए बुला लेंगे। इसके पहले निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं –

  • किसी ऐसे दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें जिसने स्तनपान कराया हो। वे आपको सलाह और सुझाव दे सकते हैं, जो मददगार हो सकते हैं। 
  • प्रसव के दौरान आपकी सहायता करने वाली नर्स, दाइयाँ और चिकित्सक भी स्तनपान के साथ सहायता प्रदान कर सकते हैं। 
  • बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ऐसी किसी भी स्थिति की जाँच कर सकते हैं, जिससे आपके नवजात शिशु को ठीक से दूध पीने में बाधा हो रही है।
  • जिस अस्पताल में आपने अपने बच्चे को जन्म दिया है, उनके पास व्यक्तिगत शिक्षक व कक्षाएँ हो सकती हैं, जिनमें आप भाग लेकर स्तनपान के तरीके सीख सकते हैं। 

भारत में लैक्टेशन कंसल्टेंट की स्थिति

भारत में लैक्टेशन कंसल्टेंट की भूमिका को लेकर जागरुकता की कमी है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कई महिलाएं स्तनपान से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा कर देती हैं।

हालांकि भारत में POSHAN अभियान और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसे सरकारी प्रयासों के तहत स्तनपान को बढ़ावा दिया जा रहा है। ब्रेस्टफीडिंग वीक के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित लैक्टेशन कंसल्टेंट की कमी है, जिससे वहां की महिलाएं आवश्यक सेवाओं से वंचित रह जाती हैं।

लैक्टेशन कंसल्टेंट की बढ़ती मांग

  • शहरी क्षेत्रों में: बड़े शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए लैक्टेशन कंसल्टेंट की मांग बढ़ रही है।
  • डिजिटल सेवाएं: टेलीहेल्थ और ऑनलाइन काउंसलिंग से यह सेवा आज के समय में दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच रही है।
  • शिक्षा अभियान: स्तनपान के महत्व को समझाने के लिए व्यापक जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

लैक्टेशन कंसल्टेंट ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी हर समस्या का समाधान देने वाले विशेषज्ञ होते हैं। वे न केवल मां और शिशु के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि समाज में स्तनपान के महत्व को भी बढ़ावा देते हैं। भारत में इस क्षेत्र में सेवाओं और जागरुकता के विस्तार की आवश्यकता है, ताकि हर मां और शिशु को इसका लाभ मिल सके।

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चेतावनी:
इस वेबसाइट पर दी गयी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें और उनकी सलाह के अनुसार ही कार्य करें।

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