क्या आपको दिन भर थकावट या कमजोरी का ऐहसास होता है?
क्या आपको सांस लेने में भी तकलीफों का सामना करना पड़ता है? ये सभी लक्षण आपके शरीर में आयरन की कमी का संकेत हो सकते हैं।
आयरन एक खनिज है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है। शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए आयरन की आवश्यकता पड़ती है। अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाये, तो व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो सकता है।
एक दिन में व्यक्ति को कितना आयरन लेना चाहिये?
उम्र और लिंग के अनुसार व्यक्ति के लिए आवश्यक आयरन की मात्रा अलग-अलग होती है। 19 साल या उससे ज्यादा उम्र के पुरुषों को रोजाना 8 मिलीग्राम आयरन का सेवन करना चाहिये। वहीं 19 से 50 साल की महिलाओं के लिए हर रोज 18 मिलीग्राम आयरन लेना जरूरी है। 51 साल या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को रोजाना 8 मिलीग्राम, 19 साल या उससे अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं को 27 मिलीग्राम एवं 19 व उससे ज्यादा उम्र की स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 9 मिलीग्राम आयरन का सेवन जरूर करना चाहिये। एक बात ध्यान में रखें कि रोजाना ली जाने वाली आयरन की मात्रा 45 मिलीग्राम से कम होनी चाहिये।
बच्चों को रोजाना कितनी आयरन की जरूरत होती है?
6 महीने की उम्र के आसपास जैसे ही शिशु ठोस आहार लेना शुरू करे, उसे आयरन से भरपूर भोजना खिलाना शुरू कर देना चाहिये। अगर बच्चे के शरीर में आयरन की कमी होगी तो उसमें थकावट, सांस फूलना, भूख न लगना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इसीलिए, बच्चों को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलना जरूरी है।
उम्र के अनुसार रोजाना बच्चों के लिए आवश्यक आयरन की खुराक
- 0 से 6 महीना- 0.27 मिलीग्राम
- 7 से 12 महीना- 11 ग्राम
- 1 से 3 साल- 9 मिलीग्राम
- 4 से 8 साल- 10 मिलीग्राम
- 9 से 13 साल- 8 मिलीग्राम
- किशोरावस्था में
- 14 से 18 साल की लड़कियां- 15 मिलीग्राम
- 14 से 18 साल के लड़के- 11 मिलीग्राम
इन खाने की चीजों से दूर करें आयरन की कमी
मीट
मांस, चिकन, टर्की, विशेष रूप से लाल मांस, बीफ, मटन, सूअर का मांस, सॉसेज, ब्लैक पुडिंग आदि।
दालें
दाल, सोयाबीन, चना, किडनी बीन्स, मूंग बीन्स, बेक्ड बीन्स, बटर बीन्स आदि।
सोया उत्पाद
टोफू, सोया कीमा, सोया बीनबर्गर या सोया सॉस।
सब्ज़ियाँ
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकोली, पालक, पत्तागोभी, मटर, भिंडी, करेला आदि।
मछली
पिलचर्ड, सार्डिन, एंकोवी, टूना, व्हाइटबैट, व्हाइटशेल जैसे केकड़ा, झींगा, आदि।
दाने और बीज
बादाम, हेज़लनट्स, अखरोट, पाइन नट्स, मूंगफली या मूंगफली का मक्खन, तिल, अलसी आदि। यहाँ एक बात का ध्यान रखें कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को नट्स न खिलाएं वरना ये खाने की चीजें उनके गले में अटक सकती हैं।
होलमिल प्रोडक्ट्स
होलमिल यानी साबुत आटे से बनी चीजें जैसे रोटी, चपाती और पास्ता।
फल
सेव, तरबूज, सूखे फल जैसे- आलूबुखारा, अंजीर, एप्रीकॉट, किशमिश आदि।
महिलाओं में आयरन की कमी दूर करने के उपाय के बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. रीना राय बताती हैं कि घर परिवार संभालने में व्यस्त होने के कारण महिलाएं अपना ही ध्यान रखना भूल जाती हैं। इसीलिए, अक्सर आयरन की कमी के कारण महिलाएं एनीमिया की चपेट में आ जाती हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिये और दाल, फल, हरी सब्जियां, गुढ़ एवं अन्य आयरन युक्त पदार्थों का सेवन ज्यादा मात्रा में करना चाहिये।
वहीं बच्चों में आयरन की आपूर्ति के बारे में पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजिस्ट, डॉ. रोहित कपूर बताते हैं कि बच्चों में आयरन की कमी दूर करने के लिए उनके आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे- मेथी, दाल, काला चना, पुदीना, गुड़, प्याज, आलू आदि को शामिल करना चाहिए। साथ ही बच्चों को विटामिन सी युक्त खाने की चीजें भी जरूर देनी चाहिये, इससे शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद मिलती है।
आयरन के फायदे
हीमोग्लोबिन का निर्माण– हीमोग्लोबिन के निर्माण में आयरन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये ही वो प्रोटीन है, जिसकी मदद से लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में सक्षम होती हैं।
मस्तिष्क का कार्य– मस्तिष्क कुल ब्लड ऑक्सीजन का लगभग 20% हिस्सा अपने कार्य के लिए उपयोग करता है। मस्तिष्क तक इस ऑक्सीजन को पहुँचाने में आयरन अहम भूमिका निभाता है।
शरीर के तापमान को रखता है नियंत्रित– आयरन शरीर के सामान्य तापमान को नियंत्रित रख बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
एनीमिया से देता है छुटकारा– शरीर में अगर आयरन की कमी हो जाये, तो व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो सकता है। इसीलिए, चिकित्सक भी पर्याप्त मात्रा में आयरन युक्त भोजन खाने की सलाह देते हैं ताकि व्यक्ति एनीमिया से दूर रह सके। गर्भावस्था के बाद महिलाओं में खून की कमी की भरपाई के लिए उन्हें सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है मजबूत– शरीर में सही मात्रा में आयरन मौजूद रहने से व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। इससे व्यक्ति को संक्रमण और बीमारियों से बचाना संभव हो सकता है।
एकाग्रता में सुधार– आयरन की कमी होने से व्यक्ति किसी भी काम पर फोकस नहीं कर पाता। इससे उसकी दिनचर्या प्रभावित होने लगती है। वहीं अगर आयरन का स्तर सामान्य रहे, तो व्यक्ति की एकाग्रता में सुधार आता है और वो अपने काम पर अच्छे से फोकस कर पाता है।
नींद में सुधार– आयरन की कमी और नींद की समस्याएं आपस में संबंधित होती हैं। आयरन की कमी से नींद में बेचैनी होना, अनिद्रा या फिर स्लीप एपनिया जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसीलिए, शरीर में आयरन का स्तर सामान्य होना चाहिये, इससे व्यक्ति की नींद बेहतर हो सकती है।
थकान से देता है राहत– आयरन का स्तर संतुलित रहने से व्यक्ति को थकावट या सुस्ती का एहसास भी नहीं होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आयरन स्वस्थ शरीर की जरूरत है। आयरन की कमी से शरीर में न सिर्फ खून का स्तर कम हो जाता है बल्कि इससे ऑक्सीजन का प्रवाह भी बाधित होता है। इसीलिए, हर रोज पर्याप्त मात्रा में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। कुछ लोग चाहें तो डॉक्टर की सलाह पर आयरन के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
बच्चों को रोजाना कितनी मात्रा में आयरन दिया जाना आवश्यक है?
0 से 6 महीना के बच्चे को रोजाना 0.27 मिलीग्राम, 7 से 12 महीना के बच्चों को 11 ग्राम, 1 से 3 साल के बच्चों को 9 मिलीग्राम, 4 से 8 साल के बच्चों को 10 मिलीग्राम एवं 9 से 13 साल के बच्चों को 8 मिलीग्राम आयरन दिया जाना जरूरी है।
आयरन की आपूर्ति के लिए कौन सी सब्जियां खाएं?
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकोली, पालक, पत्तागोभी, मटर, भिंडी, करेला आदि में आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
आयरन की आपूर्ति के लिए कौन से फल खाएं?
सेव, तरबूज, सूखे फल जैसे- आलूबुखारा, अंजीर, एप्रीकॉट, किशमिश आदि खाने से शरीर में आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है।