क्या आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है और अचानक आपका पीरियड (Periods) अनियमित हो गया है?
क्या अचानक आपको तेज गर्मी के कारण पसीना आने लगता है?
अगर हाँ, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह किसी बीमारी नहीं बल्कि मेनोपॉज (Menopause) का संकेत हो सकता है। आम भाषा में इसे रजोनिवृत्ति कहते हैं, जिसे समझना प्रत्येक महिला के लिए जरूरी है।
मेनोपॉज क्या है? (What is Menopause)

दरअसल, यह जीवन का वह चरण है, जिसकी शुरुआत होने का मतलब है महिलाओं में पीरियड का बंद होना। जब 12 महीनों तक मासिक धर्म नहीं होता है, तो रजोनिवृत्ति होती है। यह महिलाओं के जीवन में होने वाला सामान्य बदलाव है और इसके बाद उनके एक नये जीवन की शुरुआत होती है।
3 चरणों में होता है मेनोपॉज (Stages of Menopause)

अध्ययनों की मानें तो मेनोपॉज की प्रक्रिया 3 चरणों में होती है, जो आम तौर पर 10 या उससे अधिक वर्षों तक चल सकती है।
पेरिमेनोपॉज़ (Perimenopause) – आमतौर पर 45 या उसके बाद की उम्र से यह प्रक्रिया शुरू होती है, जब अंडाशय धीरे-धीरे कम सेक्स हार्मोन बनाते हैं। यह दौर सामान्यत: 3-5 साल तक रहता है लेकिन कभी-कभी 10 साल तक भी चल सकता है।
मेनोपॉज (Menopause): मेनोपॉज की औसत आयु 51 वर्ष है और इसमें 12 महीने तक पीरियड्स (Periods) यानी माहवारी नहीं होती है। यह वह समय होता है, जब शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बंद कर देता है।
पोस्ट मेनोपॉज (Post Menopause): यह मेनोपॉज के बाद का दौर है, जब लक्षण धीरे-धीरे कम हो जाते हैं। हालांकि, इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर ध्यान देना आवश्यक है, जैसे ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) और हृदय संबंधी समस्याएं।
समय से पहले भी हो सकता है मेनोपॉज (Premature menopause)
एक अध्ययन के मुताबिक 40 वर्ष से कम उम्र की 1% महिलाओं को समय से पहले मेनोपॉज का अनुभव हो सकता है। इसे समय से पहले रजोनिवृत्ति होना कहते हैं। निम्नलिखित कारण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं –
एक आनुवंशिक स्थिति जो क्रोमोसोम्स को प्रभावित करती है, जैसे टर्नर सिंड्रोम,
कोई ऑटोइम्यून बीमारी, बहुत ही कम मामलों में टीबी, मलेरिया या मम्प्स जैसे संक्रमण।
जो महिलाएं 45 साल से पहले मेनोपॉज के लक्षणों का अनुभव करती हैं, उन्हें डॉक्टर से संपर्क कर जाँच करानी चाहिये।
मेनोपॉज में नजर आते हैं ये लक्षण (Symptoms of Menopause)

ज्यादातर महिलाओं को मेनोपॉज के लक्षणों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, ये लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
- अनियमित मासिक धर्म (Irregular Period)
- योनि में सूखापन
- हॉट फ्लैशेज
- रात में पसीना आना
- नींद की समस्या
- मूड में बदलाव
- वजन बढ़ना
- थकान
- शब्दों को खोजने और याद रखने में परेशानी, जिसे अक्सर ब्रेन फॉग कहा जाता है।
किन कारणों से होता है मेनोपॉज? (Causes of Menopause)
- बढ़ती उम्र
- सर्जरी द्वारा दोनों अंडाशय को निकालना
- कीमोथेरेपी या हार्मोन थेरेपी जैसे उपचार
- धूम्रपान
मेनोपॉज में पड़ सकती है इलाज की जरूरत (Treatment of Menopause)
एक बात ध्यान में रखें कि मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं है लेकिन जो महिलाएं उपर बताये लक्षणों का अनुभव करती हैं, उन्हें डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिये। ऐसी अवस्था में इलाज के लिए नीचे बताये गये तरीकों को अपनाया जा सकता है-
हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy) :
यह उपचार शरीर में हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। हार्मोन थेरेपी विभिन्न तरीके से की जा सकती है, जिसमें स्किन पैच और टॉपिकल क्रीम शामिल हैं। इससे हॉट फ्लैशेज और मेनोपॉज के अन्य लक्षणों की घटना को कम किया जा सकता है।
एक बात ध्यान में रखें कि हार्मोन थेरेपी कुछ बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का जोखिम बढ़ा सकती है। इसीलिए, जिन महिलाओं को नीचे बतायी गयी तकलीफें हैं, वे यग थेरेपी न कराए तो बेहतर होगा-
- हृदय रोग (Heart Disease)
- रक्त के थक्के
- रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर
- पित्ताशय की थैली से संबंधित रोग
- लिवर संबंधी बीमारियां
- स्ट्रोक
- स्तन कैंसर
इसीलिए, हार्मोन थेरेपी कराने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
मेनोपॉज के उपचार का अन्य तरीका

नीते बताये गये तरीके भी मेनोपॉज के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं:
- योनि के सूखेपन के लिए ओवर-द-काउंटर जैल और अन्य प्रोडक्ट।
- हॉट फ्लैशेज, योनि का सूखापन और मूड में बदलाव के लिए कम खुराक वाली हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियाँ।
- हॉट फ्लैशेज के लिए कम खुराक वाली एंटीडिप्रेसेंट। ये उन महिलाओं को भी दी जा सकती है, जिन्हें डिप्रेशन (Depression) नहीं है।
जीवनशैली में बदलाव से पाएं मेनोपॉज के लक्षणों से राहत
अगर अच्छी जीवनशैली को अपनाया जाये तो मेनोपॉज के लक्षणों से छुटकारा मिल सकता है। इनमें शामिल हैं-
- नियमित रूप से व्यायाम करना
- स्वस्थ आहार लेना, जिसमें ताजे
- फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज शामिल हों
- धूम्रपान से परहेज करना
- शराब से दूरी बनाना
- रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना
निष्कर्ष
मेनोपॉज एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे प्रत्येक महिला को गुजरना पड़ता है। हाँ, कुछ के लिए यह सफर आसान होता है, तो कुछ के लिए मुश्किल। अगर आप भी इस दौर से गुजर रही हैं और उपर बताये गये परेशानियों का सामना कर रही हैं, तो एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।