स्तन कैंसर (Breast Cancer) महिलाओं में होने वाले सबसे सामान्य कैंसर में से एक है। हालांकि स्तन कैंसर की जांच में आधुनिकता आने की वजह से इसके इलाज में काफी मदद मिल रही है। इस कैंसर का पहले पता लगने पर इसके ठीक होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार स्तन कैंसर के लगभग 99% मामले महिलाओं में और 0.5-1% पुरुषों में होते हैं। लगभग आधे स्तन कैंसर के मामले उन महिलाओं में विकसित होते हैं जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है।
यह आर्टिकल महिलाओं में होने वाली स्थिति पर केंद्रित है। वैसे तो अधिकांश स्तन कैंसर के कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन व्यक्ति को स्तन में गांठ, निप्पल में बदलाव और बगल या स्तन में दर्द महसूस हो सकता है।
यह कैंसर मुख्य रूप से स्तनों की गुठलियों (lobules) और दूध नलिकाओं (ducts) में शुरू होता है।
ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार (Types of Breast Cancer)[ref]
- इंवेसिव ब्रेस्ट कैंसर: इसमें कैंसर कोशिकाएं स्तन के बाहरी अंगों तक फैलने लगती हैं।
- नॉन-इंवेसिव ब्रेस्ट कैंसर: इसमें कैंसर कोशिकाएं केवल स्तन तक ही सीमित रहती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर को उनके शुरू होने की स्थिति के अनुसार कई अन्य प्रकारों में बांटा जाता है:
- डक्टल कार्सिनोमा इन-साइटू (डीसीआईएस): यह कैंसर केवल दूध नलिकाओं में पाया जाता है और फैलता नहीं है।
- इंवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (आईडीसी): यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें कैंसर नलिकाओं से बाहर फैल सकता है।
- लॉब्युलर कार्सिनोमा इन-साइटू (एलसीआईएस): यह स्तन की गुठलियों में पाया जाता है।
- इंवेसिव लॉब्युलर कार्सिनोमा (आईएलसी): यह कैंसर गुठलियों से अन्य ऊतकों में फैल सकता है।
- इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर: यह एक दुर्लभ प्रकार है, जिसमें स्तन में सूजन और लालिमा दिखाई देती है।
स्तन कैंसर के चरण (Stages of Breast Cancer)
डॉक्टर टीएनएम प्रणाली नामक विधि का उपयोग करके स्तन कैंसर का चरण निर्धारित कर सकते हैं, जिसमें 5 अलग-अलग चरण होते हैं। इसके चरण के निर्धारण के लिए डॉक्टर निम्नलिखित जाँच करते हैं –
- प्राथमिक ट्यूमर का आकार (टी)
- रिजनल लिम्फ नोड की स्थिति (एन)
- डिस्टेंट मेटास्टेसिस (एम)
स्तन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Breast Cancer)[ref]
- स्तन में गांठ या त्वचा के किसी हिस्से का आस-पास के हिस्सों से अलग लगना।
- निप्पल का चपटा या अंदर की ओर मुड़ा हुआ दिखाई पड़ना।
- स्तन की त्वचा के रंग में बदलाव। गोरी त्वचा वाले लोगों में, स्तन की त्वचा गुलाबी या लाल दिख सकती है। भूरी और काली त्वचा वाले लोगों में, स्तन की त्वचा छाती की दूसरी त्वचा की तुलना में गहरे रंग की दिख सकती है या यह लाल या बैंगनी दिख सकती है।
- स्तन के आकार, आकृति या दिखावट में बदलाव।
- स्तन के ऊपर की त्वचा में बदलाव, जैसे कि त्वचा में गड्ढे या संतरे के छिलके जैसी दिखाई पड़ना।
- स्तन की त्वचा का छिलना या पपड़ी निकलना।
ब्रेस्ट कैंसर का निदान (Diagnosis of Breast Cancer)[ref]
ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी और सही तरीके से निदान करना इलाज के परिणाम को बेहतर बना सकता है।
1. शारीरिक परीक्षा: डॉक्टर गांठ या असमानताओं की पहचान के लिए स्तन व आस-पास के हिस्सों की जांच करते हैं।
2. मैमोग्राम: यह एक विशेष प्रकार की एक्स-रे जांच है, जो ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने में सहायक है।
3. अल्ट्रासाउंड: स्तनों में गांठ के ठोस (कैंसर) या तरल (सिस्ट) होने का पता लगाया जाता है।
4. बायोप्सी: कैंसर की पुष्टि के लिए गांठ से कोशिकाओं का नमूना लिया जाता है।
5. एमआरआई (एमआरआई): यह स्तनों की अधिक विस्तृत छवि प्रदान करता है और कैंसर के फैलाव का आकलन करता है।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज[ref]
स्तन कैंसर का उपचार कैंसर के सबटाइप और स्तन के बाहर लिम्फ नोड्स (चरण 2 या 3) या शरीर के अन्य भागों (चरण 4) में इसके फैलने की स्थिति पर निर्भर करता है।
इसके इलाज के लिए निम्नलिखित प्रकिया अपनाई जा सकती है–
- स्तन ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी
- स्तन और आस-पास के ऊतकों में वापस विकसित होने के जोखिम को कम करने के लिए रेडिएशन थेरेपी
- कैंसर कोशिकाओं को मारने और बढ़ने से रोकने के लिए दवाएं, जिनमें हार्मोनल थेरेपी,
कीमोथेरेपी आदि शामिल हैं।
इलाज की विस्तृत जानकारी निम्नलिखित हैं –
1. सर्जरी:
- लम्पेक्टॉमी: केवल कैंसरग्रस्त भाग को हटाया जाता है।
- मास्टेक्टॉमी: पूरे स्तन को हटाया जाता है।
2. रेडिएशन थेरेपी: यह उपचार कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग करता है।
3. कीमोथेरेपी: दवाओं के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने और फैलने से रोका जाता है।
4. हार्मोनल थेरेपी: यह उपचार हार्मोन्स के प्रभाव को रोकने के लिए किया जाता है, विशेष रूप से एस्ट्रोजेन को।
5. टार्गेटेड थेरेपी: यह उपचार कैंसर कोशिकाओं के विशिष्ट जीन और प्रोटीन को लक्षित करता है।
ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम (Prevention of Breast Cancer)[ref]
- बच्चों को दूध पिलाएं : आजकल कुछ मां अपने बच्चे को एक-दो महीने के बाद दूध पिलाना बंद कर देती है। बच्चे को ज्यादा समय दूध पिलाने से ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा कम हो जाता है।
- फिजिकल एक्टिविटी : नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ख़तरे को कम करता है।
- मोटापे पर लगाम : मोटापा वैसे तो कई बीमारियों की वजह होता है लेकिन इसे नियंत्रित नहीं करने से यह महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढा सकता है।
- शराब व धूम्रपान से रखें दूरी : धूम्रपान करने व शराब के सेवन से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए इनका सेवन न करें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ
यदि आपको अपने स्तन में गांठ या अन्य बदलाव दिखाई देते हैं तो बिना देरी के डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर विभिन्न जांच के माध्यम से यह बता सकते हैं कि आपके स्तन में दिखाई दे रहा बदलाव स्तन कैंसर है या नहीं।
निष्कर्ष
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी है। अगर इसे समय पर पहचान लिया जाए और सही तरीके से इलाज किया जाए, तो इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली और जागरूकता इसे रोकने और इससे बचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।