पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने की समस्या को कॉमन माना जाता है लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाये। पुरुषों को तो इस बीमारी से बचाव पर फोकस करना चाहिये और इसके लिए प्रोस्टट ग्रंथि क्या है एवं प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इन दोनों सवालों के जवाब जानना जरूरी है।
जानें प्रोस्टेट क्या होता है?
दरअसल, प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस ग्रंथि को पौरुष ग्रंथि भी कहा जाता है। यह ग्लैंड पुरुषों के मूत्रमार्ग के पास स्थित होती है और इसका आकार अखरोट की तरह होता है। जब इसी ग्लैंड के आसपास स्थित टिश्यू फैलने लगते हैं, तब इसका आकार भी बड़ा होता जाता है। इस रोग को बिनाइन प्रोस्टेट हाइपरलेप्सिया (बीपीएच) कहा जाता है।
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसके जवाब में पुरुषों के जीवन के 2 फेज का जिक्र किया गया है। इन दोनों फेज में ही उनमें प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बड़ा हो जाता है। पहला है प्यूबर्टी एज। इस एज में पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार दो गुणा तक बढ़ जाता है। इसके बाद जब पुरुष की उम्र 25 साल से ज्यादा होती है, तब भी उनमें इस ग्रंथि का आकार बड़ा हो जाता है। अधिकतर पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने की प्रक्रिया जारी रहती है, जो देखते ही देखते बड़ी परेशानी में बदल जाती है।
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, जानें इसके 5 रिस्क फैक्टर्स!
पुरुषों में प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसका कारण तो पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है लेकिन हाँ कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं, जो इस बीमारी का खतरा बढ़ाते हैं-
उम्र– पुरुषों में बीपीएच होने का मुख्य कारण है उनकी बढ़ती उम्र। इस बारे में मूत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. विकास सिंह तोमर बताते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ पुरुषों में यह बीमारी नजर आ सकती है। 50 वर्ष व उससे अधिक उम्र के पुरुषों में बीपीएच का खतरा ज्यादा होता है। वैसे यह एक ऐसा रिस्क फैक्टर है, जिससे बचाव करना व्यक्ति के हाथों में नहीं है।
मोटापा– प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसका एक जबाव मोटापा भी है। जिन पुरुषों का वजन ज्यादा होता है, उनमें बीपीएच के लक्षण नजर आने की आशंका ज्यादा रहती है। इस बीमारी से बचाव के लिए पुरुषों का अपने वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है।
आनुवंशिक– अगर आपके पिता बीपीएच से पीड़ित हैं तो आपको भी यह बीमारी हो सकती है। बीपीएच एक आनुवंशिक रोग है और इस रिस्क फैक्टर से बचना भी व्यक्ति के लिए बेहद मुश्किल है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम– प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसके कारणों में हाइपरटेंशन, ग्लूकोज इंटोरलरेंस या इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसे मेटाबॉलिक सिंड्रोम शामिल हैं। एक अध्ययन के मुताबिक मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित पुरुषों में प्रोस्टेट का वोल्यूम आम पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है।
शारीरिक गतिविधि में कमी – जो पुरुष किसी तरह की शारीरिक गतिविधियां नहीं करते या खुद को फिजिकली फिट नहीं रखते, उन्हें भविष्य में बीपीएच की बीमारी से गुजरना पड़ सकता है।
क्या हैं प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण?
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, ये जानने के साथ-साथ इसके लक्षणों की जानकारी होना भी जरूरी है। इसमें मुख्य रूप से व्यक्ति को पेशाब से संबंधित परेशानियां होती हैं। साथ ही निम्नलिखित लक्षण भी नजर आते हैं-
- बार-बार पेशाब का आना
- रात को बार-बार पेशाब के लिए उठना
- पेशाब शुरू करने में बहुत दर्द का एहसास होना
- पेशाब की धार का धीमा होना
- पेशाब करने के बाद भी ड्रिपलिंग जारी रहना
- पेशाब कंट्रोल न कर पाना
- पेशाब करने के बाद भी फिर से शौचालय जाने की इच्छा होना
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, जान लें इसका निदान और इलाज!
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसका पता लगाने के लिए चिकित्सक ब्लड एवं यूरिन की जाँच करते हैं। चूंकि, इसमें पेशाब संबंधी समस्याएं ज्यादा होती हैं, इसीलिए यूरिन जाँच करना आवश्यक होता है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर मरीज की बायोप्सी या अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है, ताकि उसे बीपीएच है या प्रोस्टेट कैंसर, इसकी पुष्टी की जा सके। डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन के द्वारा भी बीपीएच का पता लगाया जाता है।
जहाँ तक बात इलाज की है, तो शुरुआत में दवाइयों की मदद से इस बीमारी का इलाज किया जाता है। ज्यादातर मामलों में दवाइयों से ही यह बीमारी ठीक हो जाती है। हाँ अगर, मामला गंभीर हो तब मरीज की सर्जरी की जा सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसे जानना आवश्यक है। अगर पुरुष शुरू से ही सावधानी बरतेंगे और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएंगे, तो इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। जिन पुरुषों का वजन ज्यादा है, उन्हें वजन घटाने पर फोकस करना चाहिये। संतुलित आहार लेना चाहिये। नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां करनी चाहिये ताकि बीपीएच के खतरे को कम किया जा सके।
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है और क्या हैं इसके रिस्क फैक्टर्स?
बढ़ती उम्र एवं हार्मोनल परिवर्तन के कारण पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने की समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा, कुछ रिस्क फैक्टर्स भी हैं, जो पुरुषों में बीपीएच के जोखिम को बढ़ा देते हैं, जैसे – मेटाबॉलिक सिंड्रोम, मोटापा आदि। कुछ पुरुषों में यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है।
प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
प्रोस्टेट बढ़ने के कारण व्यक्ति को पेशाब संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- पेशाब शुरू करने में कठिनाई होना, पेशाब करने के लिए जोर लगाना, रात में बार-बार पेशाब लगना, पेशाब कंट्रोल न कर पाना आदि।