पेट में दर्द हो तो ऐसे में डॉक्टर के पास जाने का विचार बहुत ही कम लोगों के जहन में आता है। ज्यादातर लोग पेट दर्द का देसी उपचार करने पर भरोसा करते हैं। घर के किचन में मौजूद देसी उपायों पर उनका ध्यान ज्यादा रहता है और ये देसी नुस्खे पेट दर्द से छुटाकारा दिलाने में बेहद मददगार साबित भी होते हैं।
वैसे पेट में दर्द होने का एक बेहद अहम कारण है गलत खानपान। अक्सर खानपान में गड़बड़ी के कारण लोगों का पेट खराब हो जाता है और फिर वे पेट दर्द से परेशान हो जाते हैं। वैसे इस समस्या से छुटकारा पाने में भी देसी नुस्खे सबसे ज्यादा काम आते हैं और इसके लिए निम्नलिखित तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है।
पेट दर्द का घरेलू उपचार में शामिल करें ये 7 तरल पदार्थ
पानी– यदि आपका पेट खराब है, तो इस हालत में अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। खासकर यदि आपको दस्त या उल्टी जैसे लक्षण हैं, यो यह जल्द ही निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं। इसीलिए पानी का सेवन करते रहना जरूरी है। इससे पेट दर्द से भी राहत मिलती है।
नारियल पानी– पेट दर्द का देसी उपचार में नारियल पानी की भूमिका अहम है। इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो पेट के संकुचन, मांसपेशियों की ऐंठन और पेट दर्द को कम करने में मदद करते हैं। स्पोर्ट्स ड्रिंक और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों की तुलना में नारियल पानी हाइड्रेशन के लिए एक बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें चीनी और कैलोरी कम होती है और इससे एसिडिटी भी नहीं होती है।
दूध– अगर व्यक्ति को सीने के निचले हिस्से में जलन या जकड़न महसूस होती है, तो यह एसिड रिफ्लक्स के कारण हो सकता है। ऐसी अवस्था में पेट में तेज दर्द का भी एहसास होता है। इन लक्षणों से राहत पाने के लिए जरूरी है एक गिलास दूध पीना। दूध पेट के एसिड को निष्क्रिय करता है और पेट दर्द से राहत देता है। हालांकि, जो लोग लैक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित हैं, उन्हें यह पेट दर्द का देसी उपचार नहीं अपनाना चाहिये।
अदरक की चाय– अदरक की चाय भी एक कारगर पेट दर्ट का देसी उपचार है। अदरक चबाने से मतली, पेट दर्द, उल्टी और दस्त को कम करने में मदद मिल सकती है। अदरक की खुराक काउंटर पर भी उपलब्ध है। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि जिंजर एले के सेवन से बचें क्योंकि इसमें चीनी होती है, जो खराब बैक्टीरिया को पोषण दे सकती है।
पुदीना चाय– पेपरमिंट टी या पुदीना चाय पाचनतंत्र की मांसपेशियों को आराम देने में सहायता करती है। इसके सेवन से पेट में ऐंठन, गैस और सूजन से राहत मिलती है। खासकर क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित लोगों को पुदीना की चाय पीनी चाहिये। यह एक बेहतरीन पेट दर्द की दवा है।
एलोवेरा जूस– पेट से संबंधित बीमारियों से राहत पाने का एक सरल तरीका है एलोवेरा जूस। एलो जूस जैसा पेट दर्ट का देसी उपचार एसिड रिफ्लक्स से राहत दे सकता है। इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है। साथ ही पाचन शक्ति मजबूत होती है और सूजन की समस्या से भी राहत मिलती है। एलोवेरा जूस आंत में बुरे और अच्छे बैक्टीरिया के बीच संतुलन स्थापित करने में सहायता करता है। एलोवेरा जूस सीने में जलन, पेट फूलना (पाद आना), मतली और उल्टी जैसे लक्षणों का रामबाण इलाज माना जाता है।
सेब का सिरका– एक कप गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और थोड़ा सा शहद मिलाकर पीने से पेट खराब से पीड़ित लोगों को गैस एवं अपच जैसी परेशानियों से राहत मिल सकती है।
बच्चों में क्या है पेट दर्द का देसी उपचार?
बार-बार पेट में दर्द होने पर अक्सर छोटे बच्चे बहुत ज्यादा रोते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसी अवस्था में निम्नलिखत पेट दर्द का घरेलू उपचार बच्चे को परेशानी से राहत दे सकता है-
- अपने बच्चे को लेटाकर रखें।
- उसके पेट पर गर्म सेक या हीटिंग पैड रखें।
- अगर बच्चा भूखा है, तो उसे वह खाने दें जो वह चाहता है या फिर उसे फीका भोजन दें जैसे कि सब्जी का सूप, चावल, खिचड़ी, दही, केला, या टोस्ट। यदि बच्चा अस्वस्थ महसूस करे तो उसे खाने के लिए बाध्य न करें।
- बच्चे के पेट की धीरे-धीरे मालिश करें, ताकि उसे गैस और अपच से राहत मिल सके।
- बच्चे को हाइड्रेटेड रखने के लिए उसे थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिलाते रहें।
- अगर दर्द ज्यादा हो तो बच्चे को पैरासिटामोल दें। इसके अलावा बच्चे को खुद से कोई भी दूसरी दवाई न दें। इससे पेट दर्द और गंभीर हो सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
बच्चों और बड़ों में पेट दर्द का कारण अलग-अलग हो सकता है। ऐसे में पेट दर्द का देसी उपचार भी अलग-अलग होना जरूरी है। अगर सामान्य कारणों से पेट में दर्द हो, तो उपर बताये गये घरेलू नुस्खे जरूर कारगर साबित हो सकते हैं लेकिन अगर पेट में दर्द लगातार हो और इन नुस्खों को अपनाने के बाद भी आराम न मिले तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। हो सकता है यह दर्द किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो। ऐसे में डॉक्टर की निगरानी में ही अपना इलाज कराएं।
FAQ
अदरक की चाय मतली, पेट दर्द, उल्टी और दस्त को कम करने में मदद करती है। अदरक की खुराक काउंटर पर भी उपलब्ध है लेकिन हाँ, जिंजर एले के सेवन से परहेज करना बेहतर रहता है।
बच्चे को अगर पेट में दर्द हो तो उसे खाने के लिए बाध्य न करें। जब भूख लगे तभी उसे खाना खिलाएं। ऐसे में सब्जी का सूप, चावल, खिचड़ी, दही, केला, टोस्ट आदि चीजें बच्चे को खाने के लिए दी जा सकती है।