किडनी (Kidney) हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, जिसमें शरीर से वेस्ट प्रोडक्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानना और मूत्र के माध्यम से निकालना शामिल है। ये शरीर के मिनरल के संतुलन को भी नियंत्रित करते हैं और एक हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जो लाल रक्त कोशिका उत्पादन को सक्रिय करता है।
जब किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, तो सही आहार लेना आवश्यक हो जाता है। किडनी मरीजों के लिए डाइट चार्ट उनके स्वास्थ्य की स्थिति, किडनी की बीमारी के प्रकार और अन्य चिकित्सीय आवश्यकताओं के आधार पर तैयार किया जाता है।
यह आर्टिकल किडनी की बीमारी में किन खाद्य पदार्थों को लेना चाहिए और किन खाद्य पदार्थों को नहीं उसपर केंद्रित है।
किडनी के लिए सही आहार को रेनल डाइट भी कहा जाता है। यह व्यक्ति की किडनी की बीमारी के चरण के आधार पर थोड़ा अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए क्रोनिक किडनी रोग के शुरुआती चरणों में लोगों को अपने सोडियम और संभवतः प्रोटीन का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है। [ref]
क्रोनिक किडनी रोग के बाद के चरणों में, जिसे किडनी फेलियर के रूप में जाना जाता है, व्यक्ति को ऐसे आहार का पालन करने के लिए कहा जाता है, जिसमें सोडियम, पोटेशियम और फॉस्फोरस सीमित मात्रा में होते हैं।
डाइट चार्ट तैयार करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें:
- पोटैशियम का स्तर: किडनी खराब होने पर पोटैशियम का उच्च स्तर हृदय के लिए खतरनाक हो सकता है।
- फॉस्फोरस का प्रबंधन: फॉस्फोरस की अधिकता हड्डियों और रक्त वाहिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- प्रोटीन की मात्रा : किडनी के मरीजों को प्रोटीन सीमित मात्रा में लेने की आवश्यकता होती है।
- सोडियम का सेवन: रक्तचाप और पानी की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए कम सोडियम वाला आहार जरूरी है।
डाइट चार्ट के लिए इन स्टेप्स का करें पालन (Steps to follow for Diet Chart) [ref]
चरण 1: कम नमक और सोडियम वाले खाद्य पदार्थ चुनें या बनाएं। इससे रक्तचाप (Blood Pressure) नियंत्रण रहता है। अपने आहार में प्रतिदिन 2,300 मिलीग्राम से कम सोडियम शामिल करें। पहले से तैयार किए गए भोजन यानी फास्ट फूड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। ऐसे खानों को खाने के बजाय खाना खुद से पकाएँ। खाद्य पैकेटों के पोषण तथ्य लेबल पर सोडियम की जाँच करें।
चरण 2 : सही मात्रा और सही प्रकार का प्रोटीन (Protein) खाएं इससे किडनी को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। जब शरीर प्रोटीन का उपयोग करता है, तो यह वेस्ट प्रोडक्ट उत्पन्न करता है। इस वेस्ट को किडनी शरीर से बाहर निकलता है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेने से किडनी को भी वेस्ट मैनेज करने में ज्यादा मेहनत करना पड़ता है। अपने डाइट में चिकन, मछली, मांस, अंडे, डेयरी, प्रोडक्ट, बीन्स, नट्स, अनाज आदि कम से कम शामिल करें।
चरण 3: ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें जो आपके हृदय के लिए स्वस्थ हों, जो आपकी रक्त वाहिकाओं, हृदय और कीडनी में वसा (Fat) के निर्माण को रोकने में मदद करे। डीप फ्राई भोजन की जगह ग्रिल, ब्रॉयल, बेक, रोस्ट या स्टिर-फ्राई खाद्य पदार्थों को खाएं। मछली, बीन्स, सब्जियाँ, फल और कम वसा वाला या वसा रहित दूध, दही और पनीर का सेवन करें। शराब का सेवन कम करें।
चरण 4: कम फॉस्फोरस वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ को डाइट प्लान में शामिल करें। क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीज के रक्त में फॉस्फोरस जमा हो सकता है। रक्त में बहुत अधिक फॉस्फोरस हड्डियों से कैल्शियम खींचता है, जिससे हड्डियाँ पतली और कमज़ोर होती है।
चरण 5 : पोटेशियम की सही मात्रा वाले खाद्य पदार्थ चुनें, जिससे नसें और मांसपेशियां सही तरीके से काम करती हैं। क्षतिग्रस्त कीडनी आपके रक्त में पोटेशियम को जमा होने देते हैं, जिससे गंभीर हृदय संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। यदि आवश्यक हो तो आपके भोजन और पेय पदार्थ, आपके शरीर में पोटेशियम के स्तर को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
किडनी मरीजों के लिए फायदेमंद खाद्य पदार्थ [ref]
- कम पोटैशियम वाली सब्जियां: फूलगोभी, शिमला मिर्च, तोरई, कद्दू।
- लो फॉस्फोरस वाले फल: सेब, चेरी, अनार, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, पाइनएप्पल।
- अनाज और स्टार्च: सफेद चावल, मैदा की रोटी।
- प्रोटीन स्रोत: उबला हुआ अंडे का सफेद हिस्सा, पतली दाल।
- तरल पदार्थ: साफ पानी
किडनी मरीजों के लिए मना है ये भोजन: [ref]
- उच्च पोटैशियम खाद्य पदार्थ: केला, नारंगी, आलू, पालक, टमाटर।
- उच्च फॉस्फोरस वाले खाद्य पदार्थ: नट्स, चॉकलेट, चीज़।
- प्रोसेस्ड फूड: अचार, पापड़, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ।
- तेल और मसाले: ज्यादा तला हुआ या मसालेदार खाना।
- सोडियम युक्त खाद्य पदार्थ: नमकीन स्नैक्स, फ्रोजन फूड।
महत्वपूर्ण सुझाव:
- तरल पदार्थ का सेवन:
तरल पदार्थ की मात्रा डॉक्टर की सलाह के अनुसार सीमित रखें। - वजन नियंत्रण:
स्वस्थ वजन बनाए रखें, क्योंकि अतिरिक्त वजन किडनी पर दबाव बढ़ा सकता है। - नियमित जांच:
अपने पोटैशियम, फॉस्फोरस, और क्रिएटिनिन के स्तर की नियमित जांच कराएं। - नमक की मात्रा नियंत्रित करें:
खाना बनाते समय कम नमक का उपयोग करें।
कई शोधों में पता चला है कि किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों को शाकाहारी या प्लांट आधारित आहार का पालन करने से लाभ हो सकता है। इनमें शामिल हैं –
- फल
- सब्जियाँ
- स्वस्थ तेल
अगर किसी व्यक्ति में फॉस्फेट का स्तर ज़्यादा नहीं है, तो वह साबुत अनाज, मेवे और बीन्स खा सकता है।
शाकाहारी या प्लांट आधारित आहार का पालन करने वाले लोग निम्नलिखित भोजन का सेवन सीमित कर सकते हैं –
- डेयरी प्रोडक्ट
- अंडे
- मछली
- मांस
- चिकेन
मरीज के अनुसार डॉक्टर अथवा डायटीशियन भोजन में ऐसे खाद्य को शामिल करने की सलाह देते हैं, जिनमें फॉस्फेट, पोटेशियम, प्रोटीन व सोडियम जैसे खनिज होते हैं।
निष्कर्ष
किडनी मरीजों के लिए डाइट चार्ट उनकी स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सीय आवश्यकताओं के अनुसार भिन्न हो सकती है। सही आहार न केवल किडनी की कार्यक्षमता को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है। किसी भी नए आहार या परिवर्तन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह लें।